ख़ुशी दो जहां की मिलेगी यही से,
लिए जाओ भगतो साईं की आशीषे,
ये रेहमत न जग में मिलेगी कही से
लिए जाओ भगतो साईं की आशीषे,
वो मुस्कान मीठी वो प्यारी सी थपकी
मिली जिसको जागी है तकदीर उसकी
रिजा लो रिजा लो इन्हें बंदगी से
लिए जाओ भगतो साईं की आशीषे,
अगर ये दयालु नजर डाल देगा
तो सिर से बलाए ये सभी टाल देगा
मिटेगे अँधेरे सभी जिन्दगी के
लिए जाओ भगतो साईं की आशीषे,
श्रधा की बाती दिलो में जला कर,
भगती के रंग में चुनरियाँ रंगा कर ,
गुरु दर पे रेहना सदा सादगी से
लिए जाओ भगतो साईं की आशीषे,
मेहरबान है ये दया वान है ये अंग संग प्रभु की पहचान है ये
साईं श्याम हम को मिला सुख तुम्ही से
लिए जाओ भगतो साईं की आशीषे,