जब दुनिया तुम्हे सताये कोई न गले लगाए,
उस समय तू बंदे धयाना साई राम साई राम
पैसे की दुनिया सारी पैसा ही ईमान बना,
लोब मोह एहंकार में फस कर हर कोई शेहतान बना,
जब जग वैरी हो जाए कोई अपना नजर न आये,
उस समय तू बंदे धयाना साई राम साई राम
मेरा मेरा करते करते जग से नाता टूट गया,
गेरो पर क्या करे भरोसा अपना ही जब लूट गया ,
जब का गम का बदल छाए और कुछ न मन को भाये,
सब का मालिक एक है जग में उसका उजियारा,
साई किरपा से हर्ष मिटे गा दूर दूर तक अँधियारा,
कैसी भी मुशीबत आये या खौफ कोई तड़पाये,
उस समय तू बंदे धयाना साई राम साई राम