देवा तू जिसकी हिफाज़त करे,
उसको दुखों से रखता परे,
दुनिया के लोगों की क्या है बिसात,
मौत भी छूने से उसको डरे,
एकदंत वक्रतुण्ड विध्नेश्वरा….
देवा श्री गणेशा मेरे बप्पा मौर्या,
सिद्धी विनायक गज वक्र धारी,
सबसे प्रथम होये पूजा तुम्हारी,
हे गणपति गौरी सुत गणेशा,
मन भाये तोहे मूषक सवारी…..
आता है जो भी दर पे तेरे,
तू उसके संकट पल में हरे,
एकदंत वक्रतुण्ड विध्नेश्वरा,
देवा श्री गणेशा मेरे बप्पा मोरिया…..
तुम हो दया की मूरत हे देवा,
सबको तुम्हारी ज़रूरत हे देवा,
आती नज़र हमको मुश्किलों में,
बस आप की ही सूरत हे देवा…..
देखे बिना खोटे और खरे,
तू अपने भक्तों की झोली भरे,
एकदंत वक्रतुण्ड विध्नेश्वरा,
देवा श्री गणेशा मेरे बप्पा मोरिया…