रूप जो मेरे श्याम को भावे रूप वही बनजाऊं,
इसी बहाने श्याम तिहारे प्रेम को मैं पा जाऊ।
श्याम बने जो बंसी बजैया मुरली मैं बन जाऊं,
अधरों पे साज करके मोहन,प्रेम की राग सुनाऊ।
रूप जो मेरे....
श्याम बने जो धेनु चरैया,गैया मैं बन जाऊं,
वन वन घुमु श्याम के संग,गोकुल में बस जाऊ।
रूप जो मेरे....
श्याम बने जो रास रचैया गोपी मैं बन जाऊ,
नाचूँ गाउ मोहन के संग,प्रेम सुधा मैं पाऊ।
रूप जो मेरे....
श्याम बने जो कमली वाला कमली मैं बन जाऊं,
काले के रंग रंग कर 'पूजा' काली कमली कहाउँ।
रूप जो मेरे....