नज़र एक करदे करदे रे
कन्हैया करदे मेरी और
करदे मेरी और कन्हैया करदे मेरी और
नज़र एक करदे करदे रे
कन्हैया करदे मेरी और
लाज ये मेरी अब तुझको सौंप दी
लाज है नारी का गहना और लाज से नारी भारी
चारों और खड़े दुशासन मैं बीच में अबला नारी
कोई ना आवे मुझे बचने तुझ बिन कृष्णा मुरारी
नज़र एक करदे ...........
राधा हूँ तेरी ना मुझको सताना
मिलने का कोई तो ढूंढो बहाना
तुझ बिन यमुना के तट सूने सूनी ब्रज की गलियां
वृन्दावन के फूल हैं सूने सूनी हैं सब कलियाँ
तेरी राधिका तुझ बिन सूनी सुनले रास बिहारी
नज़र एक करदे ...........
भर भर प्याला ज़हर का मैं पीती
मर मर तेरे नाम से मैं जीती
तेरे प्रेम का रोग लगा तेरे प्रेम में मैं दीवानी
घर छोड़ा बैठी संतों के संग में मैं मस्तानी
मीरा के प्रभु गिरधर नागर आजाओ बनवारी
नज़र एक करदे ...........
बचपन का तेरा हूँ यार सुदामा
दुःख हो या सुख कान्हा साथ निभाना
तेरे नाम की सिवा ना मुझको और नाम भाता है
छवि जो देखु कोई मुझको तू ही नज़र आता है
इन नैनों में तू ही समाया राजन के गिरधारी
नज़र एक करदे ...........