श्याम कैसी तुम्हारी नगरिया,
लोग पैदल चले आ रहे है॥
बड़ी प्यारी है मथुरा नगरिया,
जहां जन्मे है कृष्ण कन्हैया,
वहां बहती है जमुना की धारा,
लोग दर्शन किए जा रहे हैं,
श्याम कैसी तुम्हारी नगरिया,
लोग पैदल चले आ रहे है॥
बड़ा प्यारा है गोकुल नगरिया,
पलना झूले हैं कृष्ण कन्हैया,
यहाँ बजते है ढोल नगारे,
हीरे मोती लुटे जा रहे है,
श्याम कैसी तुम्हारी नगरिया,
लोग पैदल चले आ रहे है॥
बड़ा प्यारा है बृंदावन नगरिया,
जहां रहते हैं बांके सांवरिया,
ब्रजमंडल में सबको नचाये,
मस्ती में झूमते जा रहे हैं,
श्याम कैसी तुम्हारी नगरिया,
लोग पैदल चले आ रहे है॥
बड़ा प्यारा गोवर्धन नगरिया
जहां पर्वत की होती है पूजा
इसकी चारों तरफ परिक्रमा,
नंगे पैरों किए जा रहे हैं,
श्याम कैसी तुम्हारी नगरिया,
लोग पैदल चले आ रहे है॥
इसमें चारों धामों का फल है,
दर्शन करते सभी नारी और नर है,
तेरे नाम का बांके सांवरिया,
रस अमृत पिए जा रहे हैं,
श्याम कैसी तुम्हारी नगरिया,
लोग पैदल चले आ रहे है॥