जब होवे, सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया

जब होवे सच्चा प्यार

कौन कहता है, दीदार नहीं होता l
आदमी खुद ही, तलबग़ार नहीं होता l
उनसे मिलना है तो, पहले प्रह्लाद बनो l
वर्ना यूँ ही, नर सिंह का, अवतार नहीं होता ll )

जब होवे, सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया ।
क्यों ना, मिले कन्हैया, क्यों ना मिले कन्हैया ll
जब मिले..जय हो lll, तार से तार,
क्यों ना मिले कन्हैया l
जब होवे, सच्चा प्यार, क्यों ना...

चंचल मन को, तूँ समझा ले l
हरि चरणों में, प्रीत लगा ले ll
और मन से...जय हो lll, तज अहंकार,
क्यों ना मिले कन्हैया,,,
जब होवे, सच्चा प्यार, क्यों ना...

वन में बैठी, शबरी माई l
राम नाम की, लगन लगाई ll
किए दरसन...जय हो lll, अवध कुमार,
क्यों ना मिले कन्हैया..
जब होवे, सच्चा प्यार, क्यों ना...

पिता ने जब, प्रल्हाद सताया l
अपने प्रभु का, ध्यान लगाया ll
तब नर सिंह,,,जय हो lll, लिया अवतार,
क्यों ना मिले कन्हैया..
जब होवे, सच्चा प्यार, क्यों ना...

दुर्योधन ने, जाल बिछाया l
अर्जुन शरण, कृष्ण की आया ll
बने सारथी..जय हो lll कृष्ण मुरार,
क्यों ना मिले कन्हैया,,,
जब होवे, सच्चा प्यार, क्यों ना...

जो तूँ भजन, करे दिन राती l
श्याम सुंदर, बन जाए साथी ll
तूँ शरण तो...जय हो lll, आ इक बार,
क्यों ना मिले कन्हैया..
जब होवे, सच्चा प्यार, क्यों ना......
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल

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