ना मांगू मैं वर कोई सुंदर,
तेरी छवि मेरे दिल के अन्दर,
हीरे मोती मैं क्या करुगी,
इक दिन तेरी होक रहू गी,
ओ साईं मेरे मैं तो दीवानी तेरे नाम की ,
ओ बाबा मेरे मैं ना रही किसी काम की,
ओ शिर्डी वाले दासी बनालो शिर्डी धाम की,
सब कुछ देखा अपना पराया इस जग में तेरा नाम है भाया,
जिस दर देखू दिखे तेरी सूरत आँखों में वसी बस तेरी मूरत,
मैं जोगन हो गई जैसे मीरा उस श्याम की,
ओ साईं मेरे मैं तो दीवानी तेरे नाम की ,
तू ने ही जग में खेल रचाये आप भी छोड़े आप मिलाये,
पानी में दीपक भी जलाये खुद भूखा रह के सब को खिलाये,
मैं प्यासी बाबा सुन ले पुकार संतान की,
ओ साईं मेरे मैं तो दीवानी तेरे नाम की ,
हिंदू मुस्लिम सिख इसाई,
चरण गुरु के देते दुहाई तू है सब का सब तेरे अपने,
पुरे करता सब के सपने,
मेरा इक ही सपना माला जपु तेरे नाम की,
ओ शिर्डी वाले दासी बनालो शिर्डी धाम की,
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