झूम रहा खुशियों से मन मेरे साई आने वाले है,
छोड़ के अब शिरडी का आंगन मेरे साई आने वाले है,
आज फिजा का रंग अलग है आज जुदा हरयाली है,
लगता है मुझको भी किस्मत मेरी बदल ने वाली है,
बोल रहा मन का दर्पण मेरे साई आने वाले है,
छोड़ के अब शिरडी का आंगन मेरे साई आने वाले है,
शिरडी से साख हवाएं मुझको बताने आई है,
मेरे साई जी ने मुझपर अब किरपा बरसाई है,
मिट जायेगी सारी उल्जन मेरे साई आने वाले है,
छोड़ के अब शिरडी का आंगन मेरे साई आने वाले है,
सुना आंगन सुना जीवन आज सभी खिल जाएगा,
साई की किरपा का अंचल हम को भी मिल जाएगा,
पारस हो जाए गा जीवन साई आने वाले है,
छोड़ के अब शिरडी का आंगन मेरे साई आने वाले है,