देवा हो देवा

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

गणपती बाप्पा मोरया, मंगल मूर्ती मोरया xll-ll
मोरया रे बप्पा मोरया रे xll-ll

देवा हो देवा, गणपती देवा, तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन ll
और तुम्हारे, भक्तजनो में, हमसे बढ़कर कौन
स्वामी हमसे बढ़कर कौन l
देवा हो देवा, गणपती देवा, तुमसे बढ़कर कौन,
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन l

अद्भुत रूप यह, काया भारी, महिमा बड़ी है, दर्शन की
"प्रभु महिमा बड़ी है, दर्शन की"
बिन मांगे, पूरी हो जाये, जो भी इच्छा, हो मन की
"प्रभु जो भी इच्छा, हो मन की"
हो,,,,,,,,,जो भी इच्छा, हो मन की l
देवा हो देवा, गणपती देवा, तुमसे बढ़कर कौन,
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

छोटी सी, आशा लाया हूँ, छोटे से, मन में दाता
"इस छोटे से, मन में दाता"
मांगने सब, आते हैं पहले, सच्चा भक्त ही, है पाता
"प्रभु सच्चा भक्त ही, है पाता"
हो,,,,,,,,,सच्चा भक्त ही, है पाता l
देवा हो देवा, गणपती देवा, तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

भक्तों की इस, भीड़ में ऐसे, बगुला भगत भी, मिलते हैं
"हाँ बगुला भगत भी, मिलते हैं"
भेस बदल कर, के भक्तों का, जो भगवान को, छलते हैं
"अरे जो भगवान को, छलते हैं"
हो,,,,,,,,,जो भगवान को, छलते हैं l
देवा हो देवा, गणपती देवा, तुमसे बढ़कर कौन,
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

एक डाल के, फूलों का भी, अलग अलग है, भाग्य रहा
"प्रभु अलग अलग है, भाग्य रहा"
दिल में रखना, डर उसका, मत भूल विधाता, जाग रहा
"मत भूल विधाता, जाग रहा"
हो,,,,,,,,,मत भूल विधाता, जाग रहा l
देवा हो देवा, गणपती देवा, तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिल रामूर्ति भोपाल
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