वृन्दावन क्यों छोड़ा माधो हमें तुम याद आए माधो....
जो मैं होती पंख मोर का,
मुकुट पे सज रहती माधो,
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधो....
जो मैं होती सीप का मोती,
कुण्डल में सज रहती माधो,
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधो....
जो मैं होती बांस की पोरी,
अधर पे सज रहती माधो,
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधो....
जो मैं होती पीला पीतांबर,
मैं तन पे सज रहती माधो,
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधो....
जो मैं होती तार में मोती,
पायल में सज रहती माधो,
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधो....