ओड चुनरियाँ लाल बैठी है दादी सझधज के,
देखलो दादी को दरबार बैठी है दादी सझधज के
बिंदियां को रंग लाल तिहारो आखियाँ को काजल है कालो,
मुख पे है तेज अपार बैठी है दादी सझधज के
गालो पर है लट गुंगराली,
कानो में है झुमका बाली,
गल विच फुला और हार,
बैठी है दादी सझधज के
हाथा की या मेहँदी प्यारी निरख रही माँ दुनिया सारी,
खूब सजो शृंगार बैठी है दादी सझ धज के,
शिव सुबोत माँ दर पे आयो,
अमित तेरी महिमा गायो,
मोती है सरकार बैठी है दादी सझधज के