नगर नगर से नर और नारी देने आये वधाई ,
यशोदा घर जन्मे कृष्ण कन्हाई,
झूम रहे है गोकुल वासी बाँट रहे है मिठाई,
यशोदा घर जन्मे कृष्ण कन्हाई,
घर घर में फैला उजियारा,
महक उठा है गोकुल सारा,
गूंज रही है चारो तरफ ही खुशियों की शहनाई,
यशोदा घर जन्मे कृष्ण कन्हाई,
ढोल नगाड़े बॉज रहे है ग्वाल बाल सब नाच रहे है,
नन्द के घर आनंद भयो है मिल कर गाओ वधाई,
यशोदा घर जन्मे कृष्ण कन्हाई,
नारायण जब रूप में आये शर्मा और लत्ता हरषाये,
अम्बर से फूलो की वर्षा देवो ने कर डाली,
यशोदा घर जन्मे कृष्ण कन्हाई,