बड़ी मौज में है तेरे लाल दातिए शुक्र तेरा,
तूने कर दियां माला माल दातिए शुक्र तेरा,
दौलत शोरथ कर दिता माँ,
मुँह मंगिया वर दिता माँ,
वड़ेया विच मैनु घुमाया दातिए शुक्र तेरा,
बड़ी मौज में है तेरे लाल दातिए शुक्र तेरा,
तू मावा वांग भुलाया माँ,
फिर बचैया नाल खिड़ाया माँ,
वर ध्यानु वांग मैं पाया दातिए शुक्र तेरा,
बड़ी मौज में है तेरे लाल दातिए शुक्र तेरा,
जद जद भी हुकम सुनाया माँ हनी लिख लिख भेटा लाया माँ,
सरताज तू ही बनाया माँ नवीन भी तू ही बनाया दातिए शुक्र तेरा,
बड़ी मौज में है तेरे लाल दातिए शुक्र तेरा,