मुझको दो पल मैया के चरणों में रेहने दो
आंबे रानी से दो बाते मुझको करने दो
मैंने बरसो लगाई है आशा
दूर कर देगी सारी निराशा
माँ के आँचल के साए में मुझको रेहने दो
आंबे रानी से दो बाते मुझको करने दो
माँ आंबे से है मेरा नाता सदियों से भी पुराना
हर पल दर्शन को रेहता है मेरा मन दीवाना
श्रधा की माला मैया को अर्पण करने दो
आंबे रानी से दो बाते मुझको करने दो
जगत की जन नी माँ जगदम्बे शरण में सब को रखती
करके सिंह सवारी माता रक्षा सब की है करती
मेरे मन की इछाये सब पूरण करने दो
आंबे रानी से दो बाते मुझको करने दो
करके अपनी मेहर मात ने मेरा भाग्य बनाया
अपनी ओट में देकर माँ ने संतापों को मिटाया
जीवन अर्पण माता की सेवा में करने दो
आंबे रानी से दो बाते मुझको करने दो