सजा दो फूल राहो में मेरे गोपाल आएंगे,
जन्मदिन आज है उनका ख़ुशी से हम मनाएंगे
बिछा के अपनी पलके राह उनकी देखते है हम,
मची है धूम घर घर में मेरे नन्दलाला आएंगे,
सजा दो फूल राहो में मेरे गोपाल आएंगे,
सजा है सोने का पलना लगी है चांदी की डोरी,
बेठ कर जुल में झूला मेरे गोपाला आएंगे,
सजा दो फूल राहो में मेरे गोपाल आएंगे,
बरा माखन है मटकी में रखी है चांदी की चमच,
लगले भोग मिशरी का मेरे घनश्याम आये गे,
सजा दो फूल राहो में मेरे गोपाल आएंगे,
जो जन्मे जेल में वो ही छुड़ाते जन्मो के बंधन,
रवि कैलाश की सुन ने मेरे गोपाल आएंगे,
सजा दो फूल राहो में मेरे गोपाल आएंगे,