एहलवती के लाला की दिलदारी को देखो तुम,
खाटू के राजा की दातारि को देखो तुम
जाओ दर पे जाओ अपना शीश जुकाओ,
सारी खुशियां पाओ झोली को भरो तुम,
मत रहो गुम सुम मत रहो गुम सुम
सच्ची भावना तुम दिल में लाओ,
दिल में आस ले द्वारे पे जाओ,
फिर उन्हें सभी दुखड़े सुनाओ,
दिल में जो भी गम सारे बताओ,
जिंदगी चमकाओ साँसों को महकाओ,
दिल न अपना जलाओ ऊजलां न करो तुम,
मत रहो गुम सुम
दूर होंगे गम वो है दयालु,
वो करे रेहम वो है किरपालु,
इक वार तुम खाटू में जाओ,
इक वार तुम सिर को जुकाओ,
जाओ मत न गबराओ आंसू तुम न बहाओ,
उनको दिल में वसाओं हरगिज न डरो तुम,
मत रहो गुम सुम
इक वार जो दिल से पुकारे मिट ही जाते है दुखड़े सारे,
किस लिए भला तुम बेखबर हो जाऊ द्वारे पे उनकी मेहर हो,
जाओ अनु जाओ नाम तुम भी पाओ सोये भाग जगाओ काफिर न रहो तुम,
मत रहो गुम सुम