रिद्धि सीधी के मालिक तुम हो,पूजा हॉवे श्रद्धा नाल जी,
तेरी जय हॉवे जय हॉवे गोरी लाल जी,
माथे सुन्दर तिलक विराजे तीन लोक तेरा डंका भाजे,
शिव गोरा दे राज दुलारे सिर सोने का मुकट भी साजे,
तुम हो मुक्षे पे सवार जी,
तेरी जय हॉवे जय हॉवे गोरी लाल जी,
लेंदे ने जो तेरा नाम ओहना ने बन्दे बिगड़े काम,
देव लोक दे देवी देवते कर दे तनु परनाम,
तेरी जय हॉवे जय हॉवे गोरी लाल जी,
लेके आउंदे ने लडडुआ दे थाल जी,
तेरी जय हॉवे जय हॉवे गोरी लाल जी,
लौंग सुपारी पान और मेवा तेरे चरणों में जो चढ़ाये,
लोपो के का बिट्टू कहता कभी न उसको कष्ट सताये,
हो जाये माला माल जी,
तेरी जय हॉवे जय हॉवे गोरी लाल जी,