कमली हो के दरबार मैं रोज़ नाचूं, साईं नाम का चेहरे पे नूर होवे |
तुम्बा जिंदड़ी दा, भक्ति दी तार पाके, करूँ भजन जे साईं मंज़ूर होवे ||
साईं जी तेरे दर्शन को, मैं तो जोगन बन के आऊँ |
लेके एक तारा प्रेम का, तेरे नाम की महिमा गाऊं ||
धोती कुरता, सिर पे रूमाला, साईं मेरे का रूप निराला |
है कांधे झोली लटक रही, ऐसे रूप में लगन लगाऊं ||
साईं जी तेरे दर्शन को, मैं तो जोगन बन के आऊँ ||
कण कण में साईं का डेरा, भेद कोई क्या जाने तेरा |
चेहरे पे नूर बड़ा, कैसे तुझ से मैं नज़रे मिलाऊं ||
साईं जी तेरे दर्शन को, मैं तो जोगन बन के आऊँ ||
सब का मालिक एक उचारे, सब की कश्ती पार उतारे |
मेरा सी दीवानी बन के, अपने साईं को रिझाऊं ||
साईं जी तेरे दर्शन को, मैं तो जोगन बन के आऊँ ||
नीम के नीचे दर्श दिखाए, आ शिर्डी में कष्ट मिटाए |
शशिकमल की तान सुन के, हो के कमली मैं शोभा तेरी गाऊं ||
साईं जी तेरे दर्शन को, मैं तो जोगन बन के आऊँ ||