सब का राखा एक साईं राम

सब का राखा एक साईं राम,
मन की तरंग को मार ले मानसू घट में जाकर देख
सब का राखा एक साईं राम,

तू जग का रचाइता साईं सब कूट लोह का चलिया,
जन्म मरन सब तेरे करी तू सारे कर्म करियां
अलग अलग है नाम मगर तू सब में समाया तू
सब का राखा एक साईं राम,

देदे दया की भीख ओ साईं
माया का बंधन छुटे,
अब दर तेरो न छुटे साईं जग छुटे सो छुटे,
मेरा सुबहो शाम तू ही मन का उजाला तू
सब का राखा एक साईं राम,

श्रेणी
download bhajan lyrics (803 downloads)