गुण गाऊ सदा मैं तेरे मेरे सिर पे हाथ दया का धर दो साईं मेरे,
दुःख चिंताओं के तुम बाबा आज उठा लो डेरे,
गुण गाऊ सदा मैं तेरे
जब जब देखू साईं बाबा तेरा मुखड़ा नूरी,
तुझमें बडती जाए मेरी श्रधा और सबुरी ,
ज्योति से तुम ज्योत मिला के करदो दूर अँधेरा,
गुण गाऊ सदा मैं तेरे
और किसी की लगन रहे न एसी लगन लगा दो,
बाबा मेरे होश बुला के सोये भाग जगा दो,
अंतर मन की मेल मिटा के मन में करो व्सेरे,
गुण गाऊ सदा मैं तेरे
देखा है जो सागर ने पूरा करदो सपना,
शरण लगा लो अपनी बाबा मुझे बना के अपना,
होते रहे ये दर्शन तेरे मुझको शाम सवेरे
गुण गाऊ सदा मैं तेरे