हम नाचे गे हम गाये गे,
मेरी मईया के दरबार में,
हम झूमे गे हम नाचे गे,
मेरी मईया के दरबार में,
आज खुशियों की घड़ी आई,
घर में हमारे मईया आई,
आई शेर चढ़के ,मेरे भाग जगे,
मेरी मईया के दरबार मे.......
सुन्दर सा माँ का दरबार लगा,
अंगना में मेरे खूब सजा,
जब ढोल बजे , मस्ती सी जगे,
मेरी मईया के दरबार में.
जब तक ये जीवन तेरा नाम रटू,
हर जन्म में तेरा ध्यान धरु,
संकट है कटे , सब दुखड़े मिटे,
मेरी मईया के दरबार में............
मोहन कौशिक मईया का सहारा है,
जो डूबे है , उनका किनारा है ,
ये हरीश कहे , किस्मत है जगे,
मेरी मईया के दरबार में ...........
हम नाचे गे हम गाये गे,
मेरी मईया के दरबार में,
हम झूमे गे हम नाचे गे,
मेरी मईया के दरबार में,