विनती मेरी सुन लो,श्याम बिहारी जी
आन पड़ा मैं बाबा,शरण तिहारी जी
मैं शरण में आया तेरी,अब मुझको श्याम सम्भालो
बाबा कोई नहीं है मेरा,तुम मुझको गले लगा लो,
ओ कृष्ण मुरारी जी
आन पड़ा मैं बाबा.....
जिसका ना कोई सहारा,उसका तू खाटू वाले
भवरों में अटकी नैय्या,मैंने कर दी तेरे हवाले
ओ बाँके बिहारी जी
आन पड़ा मैं बाबा...
मैं मूर्ख हूँ अज्ञानी,गलती पे ध्यान ना देना
जब गिरने लगू मैं बाबा,मेरी बाँहो को थाम लेना
ओ मेरे गिरधारी जी
आन पड़ा मैं बाबा.....
"रूबी रिधम" दुखो से हारे,अब और परीक्षा ना लो
मुझे दर का बना लो सेवक,अपने चरणों मे जगह दो
ओ लखदातारी जी
आन पड़ा मैं बाबा.....