हे गुरुदेव दया के सागर विनती मेरी सुन लेना

(तर्ज : क्या मिलीये ऐसे लोगों से)

हे गुरुदेव दया के सागर विनती मेरी सुन लेना,
जीवन नैया डगमग डोले, उसको पार लगा देना,

तेरी महिमा सबसे निराली, तुम करूणा के सागर हो,
जो भी शरण में आये तेरी, भरते उसकी गागर हो,
जितना भरोसा करके आया, उतनी कृपा कर देना,
जीवन नैया.....

जो भी तेरे दर पे आया, खाली नही लौटाया है,
ऐसा क्या कसुर है मेरा, दिल से मुझे भुलाया है,
भुल हुई है जो भी मेरी, उसको दिल से भुला देना,
जीवन नैया........

भटक रहा हुँ इधर उधर मैं, बात उडीकुँ डगर-डगर,
ज्ञान की ऐसी ज्योत जगादो, कृपा तेरी हो जाय अगर,
सारे भक्त तेरी राह निहारे एक बार दरश दिखा देना,
जीवन नैया.......

सौरभ सोनी
सरिया, गिरिडीह
झारखंड
८२५३२०
संपर्क - 8210062078

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