मेरे सतगुरु मुझको देना सहारा,
कही छूट जाए न दामन तुम्हारा,
चमकते है दुनिया में जो चाँद तारे,
तेरी ज्योति से जो लेते है तारे,
घुमाता है इनको इक तेरा इशारा,
कही छूट जाए न दामन तुम्हारा,
मेरे सतगुरु मुझको देना सहारा,
तेरे रास्ते से हटाती है दुनिया मनोहर बहुत रूप दिखती है दुनिया,
मैं ना देखु ये जग का झूठा इशारा,
कही छूट जाए न दामन तुम्हारा,
मेरे सतगुरु मुझको देना सहारा
सिवा ज्ञान मुझ में समाये न कोई,
लगन का कोई दीपक भुजाये न कोई.,
तू ही मेरी दुनिया तू ही सहारा,
कही छूट जाए न दामन तुम्हारा,
मेरे सतगुरु मुझको देना सहारा