अरे लांग समुन्दर लंका अंदर कूद गए हनुमान जी,
इंसाना कोई बलवान जी श्री बाला जी हनुमान जी,
सारा जग करता इनकी बड़ाई जी,
असुर संगारे और लंका जलाई जी,
ये जितने निशर पटक पटक कर पहुंचा दिया श्मशान जी,
इंसाना कोई बलवान जी श्री बाला जी हनुमान जी,
मेघनाथ इन्हे जब पकड़ ने आया जी,
ब्रह्म वास देख हनुमान मुस्काया जी,
श्री राम मना के फिर सिर को झुका के रखा भ्र्म का मान जी,
इंसाना कोई बलवान जी श्री बाला जी हनुमान जी,
रावण ने देखा जब वीर हनुमान को,
भूल गया सुध बुध बनी आई जान को,
बड़े बलकारी शिव अवतारी कहते वेद पुराण जी,
इंसाना कोई बलवान जी श्री बाला जी हनुमान जी,
बाला जी सा देव नहीं दूजा कोई और जी,
यहाँ देखो प्यार वही बाला जी का जोर जी,
कहे भीम सेन मिले दिल को चैन जो इनका करे गुणगान जी
इंसाना कोई बलवान जी श्री बाला जी हनुमान जी,