कण कण में माँ की सत्ता

कण कण में माँ की सत्ता ,
चाहे दिल्ली  हो कलकत्ता

माँ आस्मां और चन्दर्मा में,
माँ भरम लोक और भ्र्म में,
माँ मुरली में और मोहन में,
माँ मथुरा में और मधुवन में,
बिना इसके हिले न पता
चाहे दिल्ली  हो कलकत्ता

माँ माला में और मोती में,
माँ मनत में और मनौती में,
माँ मुसलमान और मस्जिद में,
माँ मक्का और महोबद में,
चाहे लोक जुकाते मथा,
चाहे दिल्ली  हो कलकत्ता

माँ राम शाम भगवानो में माँ मंदिर और मकानो में,
माँ मिश्री और माखन में माँ हनुमान और लक्ष्मण में,
क्या झूठ अनाडी लिखता
चाहे दिल्ली  हो कलकत्ता
download bhajan lyrics (761 downloads)