शाकम्भरी माँ के मंदिर में बनते बिगड़े काम

लेकर मईया जी का नाम चालो चालो सकराय धाम,
शाकम्भरी माँ के मंदिर में बनते बिगड़े काम,
लेकर मईया जी का नाम चालो चालो सकराय धाम |

बैठी है दरबार लगा के रुद्राणी ब्रम्हाणी,
सकराय धाम का कण-कण गाये माँ की अमर कहानी,
पर्वत के ऊपर है माँ का मंदिर आलिशान,
लेकर मईया जी का नाम चालो चालो सकराय धाम |

एकबार जो सकराय जाए,बार बार वो जाता,
मईया की bhagati में खोकर मईया का हो जाता,
जय मईया की,जय मईया कहता सुबहो शाम,
लेकर मईया जी का नाम चालो चालो सकराय धाम |

ऊंचे ऊंचे शिखरबंद पे लाल ध्वजा लहराए,
शाकम्भरी के मंदिर में सोई किस्मत जग जाए,
सौरभ मधुकर तू भी कर ले मईया का गुणगान,
लेकर मईया जी का नाम चालो चालो सकराय धाम |

लेकर मईया जी का नाम चालो चालो सकराय धाम,
शाकम्भरी माँ के मंदिर में बनते बिगड़े काम,
लेकर मईया जी का नाम चालो चालो सकराय धाम |

भजन गायक - सौरभ मधुकर
रचयिता - सौरभ मधुकर
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