चल के दर तेरे आये श्रद्धा सुमन ले आये,
शेरावाली माँ मेरी मेहरवाली माँ,
बोल ते सवाली सारे तेरे तेरा ही जयकारा,
शेरावाली माँ मेरी मेहरवाली माँ,
ऊंचे माँ पहाड़ो पे है भवन न्यारा माँ,
सजा है माँ ऐसे जैसे अम्ब्रो में तारा माँ,
करता अँधेरा दूर ज्योत का उजाला,
शेरावाली माँ मेरी मेहरवाली माँ,
इक सो आठ नाम तेरे जैसी होइ माला कही बनी शांत रूप कही माँ ज्वाला,
हो हर रूप लगता है भक्तो को प्यारा,
शेरावाली माँ मेरी मेहरवाली माँ,
हर कोई मंगता है तेरा दरबार का तेरे दरबार का,
सदा खुला रहे दर तेरे भंडार का,
हो तभी पूजता है जगत ये सारा,
शेरावाली माँ मेरी मेहरवाली माँ,
भूले भटको को तारे आप दाती आन के,
मुझे भी तो तारो अम्बे दास निज जान के,
दीपक भी मांगे तुमसे अम्बे सहारा,
शेरावाली माँ मेरी मेहरवाली माँ,