आ गई रे आ गई रे मैया नगर कोर्ट को छोड़ के मैया आ गई रे,
नगर कोर्ट का ठाठा फिर जा मान भाव नहीं करे,
मैया भी जब क्रोध में आई छोड़े न नगर कोर्ट द्वारे,
मैया की है लीला निराली राजा बने भिखारी रे,
हिंगलाज का दादर विराजा धर्म ध्वजा फेराये,
जाके राजा मैया को काम सफल हो जाए,
माँ तो ऊंचे पर्वत वाली सब की है महकारी रे,
हम सब मिल के माँ के गुण गाते,
माह माई को हर दम मनाते,
अश्विनी माँ के गुण को गाये,
आसाराम जी गीत बनाते,
मैया सब में भोली भाला भगतो का जीवन सवार रे,