करेगी पुरे सपने वो तेरे भी भैया,
तू भजले ओ प्यारे जय संतोषी मैया,
शुक्र वार सोला व्रत जो करे है,
हर इक ईशा माँ पूरी करे है,
खुशियों से माँ तो झोली भरे है
तेरे मेरे जीवन की वो है खिवैया,
तू भजले ओ प्यारे जय संतोषी मैया,
खट्टी इमली खट्टा फल माँ संतोषी ना भाये,
तुम भी इनको ध्यान में रखना सुन लो मेरे भाई.
मीठा गुड़ और चना माँ को भोग लगा,
मीठा सेवन तू कर अपने भाग जगा,
जो मीठा बोले उसकी किस्मत खुले,
जब व्रत हो पुरे तो ऊजापन करा
आठ बालको को प्रेम से भोजन करा,
पूरी हलवा चन्ना खीर भोग लगा,
हो व्यापन जब सफल हो जाए मन ही मन कहना ये,
बड़ी किरपा की आज भवानी जय संतोषी कहना ये,
और भूल चूक माफ़ करो एह देवी मैया,
करो किरपा छाया संतोषी मैया,
करेगी पुरे सपने वो तेरे भी भैया,
तू भजले ओ प्यारे जय संतोषी मैया,