ओ बाबा इतना बता अब मैं जाऊ कहा,
जो न मिला था कई वो मिला है यहां,
ओ बाबा इतना बता अब मैं जाऊ कहा,
तेरी माया कोई समज नहीं पाया,
हारा हुए को गले से लगाया,
गिर नहीं जाऊ कही मैं थक चूका हु,
चल नहीं पाउ अब मैं रुक चूका हु,
बाबा भटकु न मैं अब याहा से वहा,
जो न मिला था कही वो मिला है यहाँ,
करता हु विनती तेरे दर पे आकार मुझको बना ले बाबा तू अपना चाकर,
भक्ति की रस में रखना अपने डूबा कर सुधर जाए जीवन तेरे गुण गा कर,
बाबा चरणों में थोड़ी दे दे अपने जगह
जो न मिला था कही वो मिला है यहाँ,
मेरा परिवार चले तेरे ही सहारे इस गुलदस्ते में तुम से बहारे,
छोटी छोटी फूल कही मुरजा न जाए इसी लिए बाबा तेरी शरण में आये,
ओ बाबा करदे न माफ़ अंजलि के गुनाह,
जो न मिला था कही वो मिला है यहाँ,