तर्ज- मारेगी किस्मत से नाम तेरो कर जागी
श्याम नहीं आयो जी,श्याम नहीं आयो जी
खुद से पूछो पहले की कितनो रिझायो जी
श्याम नहीं आयो जी.................
श्याम कीजो तुम किरपा चाओ,दुःख ना किसी को देना
हारे का तुम साथ निभाओ,धन का रोब ना देना
पेट भर खाना कभी,दुखी ने खिलाओ जी
खुद से पूछो पहले...........................
मात पिता को पूजा पहले,फिर मंदिर में आना
अंधे का तुम बनो सहारा,मंजिल तक पहुचाना
चादर तन पे गरीब के तुमने उडायो जी
खुद से पूछो पहले...........................
नर में तुम नारायण देखो,गर मुझको ही पाना
मंदिर मंदिर दौड़ रहे हो,कुछ ना आना जाना
आंशु पोछ्यो कभी किसी के,सब ने हँसाओ जी
खुद से पूछो पहले...........................
मर मर के तू करे कमाई कोई काम ना आवे
अंत समय में श्याम नाम की पूंजी जो ना जुटावे
समय जो बीत गया फिर अंश पछतायो जी
खुद से पूछो पहले...........................