हुई सांवरे ये तुझे ना खबर
क्यों दर तेरे रोता है कोई
तेरे चरणों में रख यूँ सर
क्यों दर तेरे रोता है कोई
चर्चा सुनी जो तेरी दुनिया जहाँ से
आया कई बार तुझे अपना ही जान के
पर आया प्रभु तुझे ना नज़र
क्यों दर तेरे रोता है कोई
बोले तक़दीर में नहीं है तेरा प्यार क्यों
मेरी बारी सांवरे बैठा है लाचार क्यों
क्यों ना आंसुओं का मेरा है असर
क्यों दर तेरे रोता है कोई
सबके लिए तेरा खुला दरबार है
मुझे लौटाया तूने खाली बार बार है
पुछा हाथ ना फिरा के सर पर
क्यों दर तेरे रोता है कोई
गर मेरे आंसुओं से इतना ही प्यार है
मुझे तेरी मर्ज़ी श्याम स्वीकार है
बस इतना कहूंगा रो कर
क्यों दर तेरे रोता है कोई
अब तो भुला दे बाबा हुई जो भी भूल हैं
कह दे मेरी अर्ज़ी तुझको क़ुबूल है
रोमी सबको कहे जाकर
ना दर तेरे रोता है कोई