मेरे सर पे झुंझनवाली चुनरिया डाल के रखती है

दिखलाये ये जोर बदरिया कितना बरसती है,
मेरे सर पे झुंझनवाली चुनरिया डाल के रखती है |

चुनड़ी की छाँव में रहते बरस कई बीत गए जी,
सर से कभी हटे ना चुनड़ी,इतना हम सीख गए जी,
इस चुनड़ी के रहते मुसीबत छू नहीं सकती है,
मेरे सर पे झुंझनवाली चुनरिया डाल के रखती है |

दिखलाये ये जोर बदरिया कितना बरसती है,
मेरे सर पे झुंझनवाली चुनरिया डाल के रखती है |

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भजन गायक - सौरभ मधुकर

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