जगदम्बा की करो आरती,
आओ प्रित भारत भारत जन,
आओ भारत प्रबा भारती,
माँ जगदम्बा की करो आरती,
हरयाली धरती की खाली,
कुशा संदेया कुम कुम लाली.,
दीप शिखा हर इक कलि की सूरज की किरणों ने बाली,
आओ प्रित भारत भारत जन,
आओ भारत प्रबा भारती,
माँ जगदम्बा की करो आरती,
मानस मंदिर हो उजियारा,
मानव को मानव हो प्यारा,
सब सुख आये सब दुःख जाए,
चीर सिंधु हो सागर थारा,
आओ प्रित भारत भारत जन,
आओ भारत प्रबा भारती,
माँ जगदम्बा की करो आरती,
शांति धरा पर शांति गगन में,
शांति विराजे मानव मन में,
अंतरिक्ष में शांति सनातन शांति विराजे जग जीवन में,
आओ प्रित भारत भारत जन,
आओ भारत प्रबा भारती,
माँ जगदम्बा की करो आरती,