दुनियादारी के सब झूठे रिश्ते नाते तोड़कर

दुनियादारी के सब झूठे रिश्ते नाते तोड़कर,
माँ सांचे दर तेरे आये मिथ्या जग को छोड़कर,
दुनियादारी के सब झूठे रिश्ते नाते तोड़कर....

सच्चे सुख से विमुख रहा दिल झूठे सुख में रमा रहा,
झूठे सुख में रमा रहा, झूठे सुख में रमा रहा,
अज्ञानवश इन आंखों पर, मोह का पर्दा पड़ा रहा,
मोह का पर्दा पड़ा रहा, मोह का पर्दा पड़ा रहा,
दीन शीन सब यहाँ पर आये मैली चादर ओढ़कर,
माँ सांचे दर तेरे आये मिथ्या जग को छोड़कर,
दुनियादारी के सब झूठे रिश्ते नाते तोड़कर......

कथा व्यथा की क्या बतलाऊं मैया अपने जीवन की,
मैया अपने जीवन की, मैया अपने जीवन की,
नाम जपा ना सारा जीवन, झोली खाली निर्धन की,
झोली खाली निर्धन की, झोली खाली निर्धन की,
मुझ दीन की दशा देखकर जाइयो ना मुख मोड़कर,
माँ सांचे दर तेरे आये मिथ्या जग को छोड़कर,
दुनियादारी के सब झूठे रिश्ते नाते तोड़कर......

सब पर कृपा करे तू मैया मेरा भी उद्धार करो,
मेरा भी उद्धार करो, मेरा भी उद्धार करो,
मेरे सब अपराध भुलाकर माँ मुझको स्वीकार करो,
माँ मुझको स्वीकार करो, माँ मुझको स्वीकार करो,
एक आसरा तेरा मैया बांह ना जाना छोड़कर,
माँ सांचे दर तेरे आये मिथ्या जग को छोड़कर,
दुनियादारी के सब झूठे रिश्ते नाते तोड़कर......

दुनियादारी के सब झूठे रिश्ते नाते तोड़कर,
माँ सांचे दर तेरे आये मिथ्या जग को छोड़कर.......
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