क्यों पूछते हो श्याम, मुझे क्या पसंद है,
मेरी पसंद आपकी, मुट्ठी में बंद है,
मेरी पसंद आपकीं, मुट्ठी में बंद है…….
नजरों को जिस घडी, तेरा दीदार हो गया,
सूरत सलोनी देखते ही, प्यार हो गया,
ये तन ये मन ये जा, तेरी अहसानमंद है
मेरी पसंद आपकीं, मुट्ठी में बंद है…….
जब तू नहीं तो साथ, तेरी याद है मेरे,
तेरी याद से ये दिल जिगर, आबाद है मेरे,
मेरी हर एक साँस में, तेरी सुगंध है,
मेरी पसंद आपकीं, मुट्ठी में बंद है…….
रोशन हूँ तेरे नूर से, ये जान लीजिये,
खुद ही बिहारी दास को, पहचान लीजिए,
किसकी जहान में इस तरह, किस्मत बुलंद है,
मेरी पसंद आपकीं, मुट्ठी में बंद है…….
क्यों पूछते हो श्याम, मुझे क्या पसंद है,
मेरी पसंद आपकी, मुट्ठी में बंद है,
मेरी पसंद आपकीं, मुट्ठी में बंद है…