जाने वालो जरा पूछना श्याम से,
क्यों भुलाया नहीं मुझको दरबार में,
क्या ख़ता सी मेरी क्या मेरा दोष था,
क्या कमी रह गई थी मेरे प्यार में,
जाने वालो जरा पूछना श्याम से
क्या मिलेगा उसे दिल मेरा तोड़ कर,
यु अकेला मुझे इस तरह छोड़ कर,
रहता वो जो करता परवाह नहीं,
पर रुळाय मुझे मेरे दिल दार ने,
जाने वालो जरा पूछना श्याम से
उस का अपना हु मैं कोई पराया नहीं,
इक पल भी उसे तो भुलाया नहीं,
क्या कहुगा उन्हें मुझसे पूछगे जो,
क्यों रुलाया तुझे तेरे ही यार ने,
जाने वालो जरा पूछना श्याम से
क्या मेरा नाम अपनों में शामिल नहीं,
क्या मैं उस के दर्श के भी काबिल नहीं,
जीना किस के लिए जो गिराया मुझे,
अपने नजरो से ही मेरे सरकार ने
जाने वालो जरा पूछना श्याम से
सोनू कहता दीवाने क्यों करता फ़िक्र,
फेर सकता नहीं अपनों से वो नजर,
ये भी मुमकिन है की एक दिन संवारा चल के आ जाएगा,
खुद तेरे द्वार पे,
जाने वालो जरा पूछना श्याम से