इब के बरस तो श्याम धनी,
मेरा भी रंग लगवाईये,
फागण मेले धूम मची सै,
गूंज रहे जयकारे,
रंग-बिरंगे भगत श्याम ने,
लागे से घणे प्यारे,
इब के बरस तो श्याम धनी,
मेरा भी रंग लगवाईये,
आजा खाटू वाले श्याम,
मेरे संग होली खूब मनाइए,
तू होली खूब मनाइए,
आजा खाटू वाले श्याम,
मेरे संग होली खूब मनाइए,
तू होली खूब मनाइए......
ध्वजा उठाकर रींगस तै मैं,
तेरे दर पे आया,
श्याम कुंड में नहा कै बाबा,
शुद्ध होगी या काया,
दर्शन खातर खड्या लाइन में,
आके दर्श दिखाइए,
आजा खाटू वाले श्याम,
मेरे संग होली खूब मनाइए,
मेरे संग होली खूब मनाइए.......
मेले में चाहे भीड़ घणी सै,
तू सब ने देखे सै,
खुल जा उसके भाग,
पैर जो खाटू में टेक सै,
झोली भर दे सबकी बाबा,
किस्मत तू चमकाई ये,
आजा खाटू वाले श्याम,
मेरे संग होली खूब मनाइए,
आजा खाटू वाले श्याम,
मेरे संग होली खूब मनाइए.......
होली खेल लोग लुगाई,
उड़ रहे रंग गुलाल,
तेरे नचाए नाचे बाबा,
सब सै तेरा कमाल,
चूर चूर तेरी मस्ती में तू,
प्यार का रंग लगवाई ये,
आजा खाटू वाले श्याम,
मेरे संग होली खूब मनाइए,
आजा खाटू वाले श्याम,
मेरे संग होली खूब मनाइए……..
वीरेन्द्र शर्मा दास चरण का,
सदा तेरे गुण गावे,
नई किस्म के राग रागिनी,
सांचे दिल तै गावे,
खाटू वाले श्याम धनी,
मेरा भी भाग जगाइए,
आजा खाटू वाले श्याम,
मेरे संग होली खूब मनाइए,
आजा खाटू वाले श्याम,
मेरे संग होली खूब मनाइए……