चोकठ पे बैठा बाबा अर्जी लगावा जी 
तो अर्जी मैं असुडा री भेट चडावा जी 
अर्जी लगावा जी ...
अर्जी में बाबा मैं तो कुटियाँ ही मांगी जी 
कुटिया ने मेहल बनाओ बाबा श्याम जी 
अर्जी लगावा जी 
अर्जी में बाबा मैं तो झोली फेलाई जी 
आंगन में लाल ने खिलाओ बाबो श्याम जी 
अर्जी लगावा जी 
अर्जी में थासु रोटी घरका की मांगी जी 
तो चाकर ने सेठ बनाओ बाबो श्याम जी 
अर्जी लगावा जी 
अर्जी में बाबा सारा दुखड़ो सुनावा जी 
तो दुखड़ो मिटा के सारा सुख बरसाओ जी 
अर्जी लगावा जी 
अर्जी में अमित बाबा ठासू मांगे जी,
मांगे जन्मा जन्मा को रिश्तो बाबा आज की 
अर्जी लगावा जी