कोई मण कहियो रे साँवरियो घर आवन की,
आवन की जी मन भावन की,
कोई मण कहियो रे साँवरियो
आप ना आये सांवरियां लिख नहीं भेजियो,
बात करि रे ललचावन की,
कोई मण कहियो रे साँवरियो
आह कहु कुछ बस नहीं मेरो,
बस नहीं मेरो संवारा बस नहीं मेरो,
नदियां बही रे जल सावन की ,
कोई मण कहियो रे साँवरियो