दे दे रे सहारो हार के आयो,
मान के थाने अपनो द्वारे थारे आयो,
दे दे रे सहारो हार के आयो,
आज जरूरत थारी साथ निभाओ,
काँपे कलेजो म्हारो हिवड़े से लगाओ,
धीर बंधाओ अब तो द्वारे थारे आयो,
दे दे रे सहारो हार के आयो,
दीनों के दीन बंधू थे सब जाणों,
दोष घणा है म्हारा थे ही मिटाणो,
छोड़ के सारी दुनियाँ द्वारे थारे आयो,
दे दे रे सहारो हार के आयो
खाली जो दर से गयो तो जमानो हंसलो,
थारो यो राकेश ने कुण अपनों कहेलो,
विश्वास टूट ना जावे द्वारे थारे आयो,
दे दे रे सहारो हार के आयो
दे दे रे सहारो हार के आयो,
मान के थाने अपनो द्वारे थारे आयो,
दे दे रे सहारो हार के आयो