कितनो सोहणो कितनो सूंदर सब से न्यारो लागो,
माहने छोटो सो कन्हियाँ प्यारो प्यारो लागे,
बाली उमरियाँ तिर्शी नजरियां चाल चले मतवाली ,
अंगनियाँ में ठुमक ठुमक कर नाचे दे दे ताली,
इ के आगे फीको जग को नजारो लागे.
माहने छोटो सो कन्हियाँ प्यारो प्यारो लागे,
छोटे छोटे हाथा से ये मुरली मधुर बजावे,
देख देख कर नन्द यशोदा मंद मंद मुस्कावे,
फीकी मुरली को दीवानो जग सारो लागे,
माहने छोटो सो कन्हियाँ प्यारो प्यारो लागे,
गोदी में बिठा के मैया माखन मिशरी खिलावे,
कदे जुलावे पालनो कदे मीठी लोरी सुनावे,
श्याम केवे थोड़ो गोरो थोड़ो काले लागे,
माहने छोटो सो कन्हियाँ प्यारो प्यारो लागे,