माँ संतोषी माँ जय माँ,
तेरी शरण रहू मैं सदा ,
माँ संतोषी माँ जय माँ,
हर शुकर्वार माँ तुझको मनाऊ,
निश दिन तेरी महिमा गाऊ,
वर्त भी करू तेरा नाम का,
चरणों में मै तेरे शीश निभाऊ,
डूबा रहता मैं तेरी धुन में याहा भी देखू बस तुमे पाऊ,
माँ संतोषी माँ जय माँ,
अंगना में अपने मैं चोंक पुराऊ,
मूरत धन तेरी महिमा गाऊ,
करता पाठ तेरी कथा का खुद भी गाऊ और सब को सुनाऊ ,
गुड और चने का भोग लगा के,
जीवन अपना मैं धन्ये बनाऊ ,
माँ संतोषी माँ जय माँ,
संतोषी माँ संतोष की देवी,
सुख सम्रीदी धन धान की देवी,
शिव गोरा की बड़ी हो प्यारी,
गणपति जी की राज दुलारी,
करते है माँ हम तेरा ही सुमिरन बड़ी अनोखी तुम माँ भोली भाली,
माँ संतोषी माँ जय माँ,