दुनिया में एक स्वर्ग है जिसको कहते खाटूधाम
सबकी सुनता है वहां पे बैठ के बाबा श्याम
वहां की माटी से महकता हैं चन्दन
लगालो माथे से प्रभु को करके नमन
श्रद्धा और विश्वास से लेता जो बाबा का नाम
सबकी सुनता है वहां पे बैठ के बाबा श्याम
हार कर दुनिया से जो वहां जाता है
पिता बनकर बाबा गले से लगता है
अपने बच्चों को गिरने से पहले लेता थाम
सबकी सुनता है वहां पे बैठ के बाबा श्याम
अदालत दुखियों की वहां पर लगती है
भाव के दो आंसू फीस यहाँ लगती है
ना अगली तारीख है मिलती होता झटपट काम
सबकी सुनता है वहां पे बैठ के बाबा श्याम
जब कहीं दुनिया में तेरी सुनवाई ना हो
सुना देना हो इनको जो तू कठिनाई में हो
निरमल वापस जाने से पहले ही करदे काम
सबकी सुनता है वहां पे बैठ के बाबा श्याम