जय आंबे जगदम्बे जय काली माँ,
जय शक्तिशाली महाकाली माँ,
दुष्टो की तुम हो दनल हारी माँ,
भगतो की रक्शक हो बलहारी माँ,
सारे जगत की सर्जन हारी माँ,
जय आंबे जगदम्बे जय काली माँ,
ऊंचा भवन ऊंचा घर वार है,
गूंजे सदा तेरी जैकार है,
भगतो की तू सच्ची सरकार है,
बरसाती सब पे सदा प्यार है,
शक्ति माह शक्ति शाली हो माँ,
भगतो की प्यारी भोली भाली माँ,
जय आंबे जगदम्बे जय काली माँ,
तेरे दर पे होती हर आस पूरी जो सच्चे मन से करे याद तेरी,
करती हो सबकी माँ फर्याद पूरी रहे न कैसी की भी ईशा अधूरी,
आये जो दर पे सवाली माँ जाये न दर से कोई खाली माँ,
जय आंबे जगदम्बे जय काली माँ,