करो स्वीकार हे माँ करो स्वीकार वंदन मेरा
उपमा कहु मैं तेरी लेकर नाम मैं तेरी,
करो स्वीकार हे माँ करो स्वीकार वंदन मेरा,
स्वेत वस्त्र स्वेत माला स्वेत वाहन हंस तुम्हारा,
कर में वीणा मधुरा सुहावे रूप तुम्हारा सूंदर प्यारा,
तेज मुख मंडल का जैसे उजला सवेरा ,
करो स्वीकार हे माँ करो स्वीकार वंदन मेरा,
कमल सिंगसन पे विराजो शीश पे मुकट सुहाता,
चरणों में है ज्ञान की गंगा वेदो की भी तुम हो ज्ञाता,
विद्या का दे उजाला करती हो दूर अँधेरा,
करो स्वीकार हे माँ करो स्वीकार वंदन मेरा,
वाणी में मधुरता तेरी लेह और स्वर है तुम से,
वायु सांसो में रमानी जल में लहर है तुमसे,
सागर की कलम में तेरा ही है वसेरा,
करो स्वीकार हे माँ करो स्वीकार वंदन मेरा,