मझधार में है नैया अब पार तुम लगा दो,
मुझे थाम लो कन्हैया तकदीर तुम जगा दो,
मझधार में है नैया अब पार तुम लगा दो,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा
दुनिया से श्याम बाबा खाया है मैंने धोखा,
बढ़ने लगा मैं जब भी अपनों ने मुझको रोका,
बन के मेरा खवाइयाँ अब पार तुम लगा दो,
मझधार में है नैया अब पार तुम लगा दो,
किस दर पे जाऊ बाबा कोई और न ठिकाना,
तेरे भोरसे सब कुछ मेरी लाज तुम बचाना,
उजड़ा मेरा है गुलशन रेहमत से तुम सजा दो,
मझधार में है नैया अब पार तुम लगा दो,
मुश्किल में श्याम बाबा मुझको तेरा सहारा,
पतवार तुम ने थामी मुझे मिल गया किनारा,
सोनी तो तेरे दर का नौकर प्रभु बना दो,
मझधार में है नैया अब पार तुम लगा दो,