मेरा खाटू वाला है पहचान मेरी,
मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी,
जीना क्या श्याम बिन इक पल कठिन,
याद बाबा को करते है हम रात दिन,
मुझे दर है किसका मई जाऊ यहाँ,
याहा पे भी मैं हु सांवरिया वाहा,
उसी के ही दम से है मुस्कान मेरी,
मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी,
थी मुश्किल बड़ी ये मेरी ज़िंदगी,
श्याम जब से मिला तो मिली हर ख़ुशी,
कही फूल खुशियों के मन में खिले,
एक माँगा तो लाखो मिले,
हुई ज़िंदगी अब तो आसान मेरी,
मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी,
जाके जब भी कहा मैंने दरबार में,
आये खुशिया कई मेरे परिवार में,
हमेशा ही विष्णु की सुनता है श्याम,
वो खाटू का राजा सुशील है गुलाम,
मेरा खाटू वाला तो है जान मेरी,
मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी,